Wednesday, September 25, 2013

विश्वास की नींव .........बेटियाँ



सोचती हूँ 
तो सोचती चली जाती हूँ 
जाने क्यूँ 

आँखें नम हो जाती हैं 

नन्ही तान्या, तरंग 
तोतली जुबान में 
'मम्मी ' कहती 
सामने आ जाती हैं

पल-पल बड़ते, दौड़ते, भागते 
खेलते हँसते-झगड़ते 
देखा उनको
कभी नन्हे-२ ग्रास 

खिलाती थी मैं
आज बिठा के 

खाना खिलाती मुझको 


नृत्य, नाटक, 
गृह-कार्य, प्रोजेक्ट
रंग भरे 
हर कला के उनमे
मुझे मंच के लिए अब 

तैयार कराती हैं वो
डांट-डपट के 

नृत्य सिखाती
नेह अपना 

झलकाती हैं वो

घर भर में 
रौनक है उनसे
कल दूजे घर को 

सजाएँगी वो
सूना हो जाएगा आँगन
सोच के दिल 

जब घबराता है मेरा 
तुरंत हँसते हुए
सामने आ जाती हैं वो

अकेलापन
न खलेगा कभी
इस अहसास को पल-पल
दृढ कर जाती है वो
मेरे वज़ूद को
विश्वास की नींव 

दे जाती हैं वो .........................पूनम माटिया 

Tuesday, September 24, 2013

मायाजाल............

जी को जंजाल कितने हैं 
मायाजाल इतने हैं 


कविता भी 
डर के मूह छिपाती है 


ग़ज़ल की बह्र भी 
कहाँ हाथ आती है 


गीत मौन हो
गाये जाने को तरसते हैं 


नज़्म छेड़े कोई कलम
अल्फाज़ लिखे जाने को तरसते हैं 


हम रोजमर्रा की कशमकश से 
निकल जाने को तरसते हैं


बीवी -शौहर किसकी कहें 
एक-दूजे से बात करने को तरसते हैं .....पूनम

Thursday, September 5, 2013

मात-पिता, बंधू-सखा सम तुम्हे हम शीश नवायें

मात-पिता, बंधू-सखा सम 
तुम्हे हम शीश नवायें 
जीवन के अनमोल पाठ सब 
गुरुवर तुमरी कृपा से आयें ..... पूनम


A teacher is different from preacher. 
He doesn’t seclude himself from the process of teaching and learning.


He is an information giver and seeker, both.


He is a guiding force, a mentor, a person whose teachings act as support holding us upright in times of difficulty. 

He is also an initiator who changes mass opinion, who lets us discover ourselves as well as hidden paths leading us on to various inventions and discoveries .

Happy teacher's Day To u all ......... and my tribute to all my teachers ( parents ,teachers ,friends and foes who have contributed to my present being .)
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