Wednesday, November 5, 2025

**About Poonam Matia** as a student of Nava Hind School, Rohatak Road, New Delhi

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Poonam Matia is a distinguished poetess, shaira, and literary figure based in Delhi. She holds an honorary doctorate and has an academic background with a BSc and MSc in Nutrition from Lady Irwin College, Delhi University, along with an MA in Hindi. She has been a Junior Research Fellowship holder at ICAR Delhi and has served as a PGT teacher, further enriching her diverse professional journey.

 

A versatile personality, Poonam is also an accomplished author with seven published poetry books, including one in English and a bilingual Hindi-Urdu ghazal collection. She is the founder of ANTAS, a literary, Cultural and social NGO dedicated to nurturing literary talents, which she has been leading for over six years. 


Beyond her literary pursuits, she is an engaging anchor and a freelance writer, frequently sharing her poetic presentations on various radio and TV channels. Poonam’s multilingual proficiency includes Hindi, English, Urdu, and Sanskrit. She, a student of Nava Hind School, Delhi, exemplifying her continuous quest for knowledge and self-growth.

#गुरुपर्व- दोहे.. डॉ पूनम माटिया.. 2025


 
गुरु नानक ने रच दिया, एक नवल इतिहास।
सिक्ख पंथ के रूप में, दिये वीर सायास।।
**
पूर्णिमा का दिन शगुन, करते गंगा स्नान।
सुबह नगर-फेरी करें, संध्या दीपक दान।।
 
 
शुभकामनाएं 
 
पूनम माटिया

Vanita Magazine, Deepawli spl #वनिता #पूनम_माटिया

 

 


 
 
***एक महत्त्वपूर्ण बात***
 
जो आप से साझा करने में अत्यंत प्रसन्नता और गर्व का अनुभव हो रहा है।
 
**प्रसिद्ध हिन्दी पत्रिका 'वनिता' #वनिता जिसे हम सालों-साल से पढ़ते आये हैं उसके 'दीपावली' विशेषांक में मुझसे इंटरव्यू के आधार पर एक लेख प्रकाशित हुआ जो कविता से इतर बतौर न्यूट्रीशनिस्ट #nutritionist है।**
 
आप पढ़ें।
 
इस उत्तम विचार, सार्थक प्रयास तथा सुंदर संपादन हेतु पत्रिका की संपादक श्रीमती रूबी मोहंती जी को धन्यवाद एवं साधुवाद।

Tuesday, November 4, 2025

शजर पे चाँद उगाओ .......पूनम माटिया के ग़ज़ल संग्रह पर शायर डॉ आदेश त्यागी जी के बेशक़ीमती अशआर Dr AdeshTyagi

 


दिखाई देते नहीं हैं मुहब्बतों के समर
शजर पे चाँद उगाओ, बड़ा अँधेरा है

'
शजर पॅ चाँद' मुहब्बतों की रौशनी की वो उम्मीद है जो हर इंसान हर जगह हर वक़्त करता है। मुहब्बत की ग़ैर मौजूदगी का मतलब है एक बेहद अहम हयात-बख़्श उन्सर (जीवनदायी तत्त्व) से महरूम (वंचित) होना जो ज़िन्दगी के शजर (वृक्ष) की शादाबी (तरो-ताज़गी) को ख़त्म कर के उसे बे-गुल-ओ-समर (पुष्प-फल विहीन) कर देता है।

शे'रियत की अरूज़ी (छन्द शास्त्रीय) ख़ुशबू से मुअत्तर यह शे'र किताब-ए-हाज़िरा (प्रस्तुत पुस्तक) का उनवानी शे'र (शीर्षक-शे'र) है जो पूनम माटिया के शे'री मजमूआ (संकलन) के मेआर (स्तर) को बयान कर रहा है।

यूँ तो पूनम माटिया किसी तअरीफ़-ओ-तआरुफ़ (प्रशंसा व परिचय) की मोहताज (निर्भर) नहीं हैं फिर भी उनका यह नया मजमूआ यक़ीनी तौर पर इनकी शोहरत में चार चाँद लगायेगा। इस यक़ीन का कारण यह है कि हालांकि उनकी कई किताबें मंज़र-ए-आम (दृश्य-पटल) पर आ चुकी हैं लेकिन यह पहली मर्तबा है कि अरूज़ी तौल-ओ-अर्ज़ (नापतौल) की कसौटी पर खरी उतरी उनकी ख़ालिस ग़ज़लें शायअ (मुद्रित) हुई हैं।

दुआगो हूँ कि मुहब्बतों के समर को देखने की ख़ाहिशमंद 'पूनम' अपनी ग़ज़लों के ज़रीआ (माध्यम) से चाहने वालों के दिलों के पेड़ की फुनगी पर प्रेम का चाँद टाँकने में कामयाब रहें।

तथास्तु
डॉ आदेश त्यागी
(सहायक पुलिस आयुक्त)
ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश 

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Sunday, November 2, 2025

पूनम की ये ग़ज़लें..shajar pe chaand Ugaao.. #VigyanVrat..#Pooammatia

 

 


*संवेदना मनुष्य का ऐसा गुण है जो उसे रचनात्मक कार्य में प्रवृत्त करता है| जिन घटनाओं से एक कवयित्री अपने जीवन में दो-चार होती है वह उसकी रचनाओं में परिलिक्षित होता है| इन्हीं प्रतिध्वनियों का घनत्व काग़ज़ पर उतर कर कविता या गद्य के रूप में हमसे रू-ब-रू होता है|

*पूनम माटिया की संवेदना ने ही उनकी शायरी में शब्दों के कलेवर को धारण किया है| एक संवेदनशील व्यक्ति यदि कवि या कवयित्री है तो उसका चुप रहना असंभव है!
“आप बैठे हैं ख़ामोश क्यों
सुन रहे हैं, कहो तो सही”

*कवयित्री एक सामाजिक प्राणी है तथा स्वभावत: संवेदनशील होने के कारण वह अपने आस-पास घटित होने वाली घटनाओं से न केवल प्रभावित होता है अपितु उन्हें अपनी रचनाओं में उकेरता भी है!
“अमा की रात है सुनसान हैं सभी राहें
कि जुगनुओं को बुलाओ
, बड़ा अँधेरा है”

*पूनम माटिया एक संवेदनशील कवयित्री हैं अत: प्रस्तुत संग्रह की ग़ज़लें उसकी भाव-प्रवणता का ही प्रतिफल है| मुझे विश्वास है कि पाठक उनकी रचनाओं को हाथों-हाथ लेंगे| मेरी शुभकामनाएं तो पूनम माटिया के साथ हैं ही!
‘शुभास्ते सन्तु पन्थान:’


विज्ञान व्रत

5 अप्रैल2025
एन-138, सैक्टर-25
नोएडा-201301
मोबाइल-9810224571

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