tag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post1761145013878709101..comments2024-02-17T20:29:51.168+05:30Comments on ख़याल है पन्ने .....ज़हन एक किताब ............: Baadal..........बादल.........Poonam Matiahttp://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-63153572645785983302012-08-07T14:53:55.501+05:302012-08-07T14:53:55.501+05:30कुछ बदला बदला सा था मंजर.. आसमानों का..
कुछ विस्म...कुछ बदला बदला सा था मंजर.. आसमानों का.. <br />कुछ विस्मित सा हुआ मैं.. फिर याद आया... <br />एक नायाब कृति से रूबरू होकर देखने का था ये असर// वाह राहुल ..बादल तो होते ही ऐसे हैं जिनमे सब अपनी इच्छा-आकांक्षाओं के अनुरूप चित्र देखते हैं ......:)Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-55541752102953848132012-08-06T23:54:52.663+05:302012-08-06T23:54:52.663+05:30कुछ बदला बदला सा था मंजर.. आसमानों का.. कुछ विस्मि...कुछ बदला बदला सा था मंजर.. आसमानों का.. कुछ विस्मित सा हुआ मैं.. फिर याद आया... एक नायाब कृति से रूबरू होकर देखने का था ये असर... बहुत ही सुन्दर रचना.. एक अलग ही अंदाज़ में घटाओं को अपने में समेटे हुए... बहुत ही अनोखी..Rahulhttps://www.facebook.com/rahul1801noreply@blogger.com