tag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post2859194336633643064..comments2024-02-17T20:29:51.168+05:30Comments on ख़याल है पन्ने .....ज़हन एक किताब ............: मोक्ष को तरसती आत्मा......Poonam Matiahttp://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-88851656254926503422013-05-05T22:28:45.745+05:302013-05-05T22:28:45.745+05:30रघुनाथ जी आप सही कहा आपने कि हम /हमारी आत्मा ...अन...रघुनाथ जी आप सही कहा आपने कि हम /हमारी आत्मा ...अनन्त यात्रा में है ,...और विभिन्न शरीर इसके मार्ग में आने वाले पढाव हैं ....इस रचना में यही बात मैंने उजागर करने की चेष्टा की है ......कि कर्म (सुकर्म ) ही हमें इस मार्ग में लक्ष्य (मोक्ष ) की ओर अग्रसर करते हैं .....या फिर (दुष्कर्म ) हमारा पथ बाधाएं लाकर लम्बा कर देते हैं ....... :)Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-81368071729678680672013-05-05T22:24:00.107+05:302013-05-05T22:24:00.107+05:30प्रेम जी दार्शनिक कोई बनता नहीं ....यह तत्व हर कि...प्रेम जी दार्शनिक कोई बनता नहीं ....यह तत्व हर किसी की शक्सियत में पहले ही शामिल होता है ....बस देखना ये होता है कि ...कब उभर के आता है .......और अक्सर देखा गया है .....कि जीवन के अनुभव ''दार्शनिकता '' सामने ले आते हैं .....<br />और हाँ आप को तो १००% इजाज़त है किसी भी संबोधन के लिए ....:)Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-76091098626636741432013-05-05T12:45:59.276+05:302013-05-05T12:45:59.276+05:30H AM ANANT YAATRA MEN HAIN. JAB HAMARA SHAREER AT...H AM ANANT YAATRA MEN HAIN. JAB HAMARA SHAREER ATMA KO USAKE GANTAVYA TAK LE JANE MEN AKSHAM VAHAN LAGANE LAGTA HAI TAB WAH US AKSHAM SHAREERR KO CHHOD ANY SHAREE KA SAHAARA LETI HAI APNE UTTHAAN KE LIYE.SHAREER ke LIYE SAB KUCHH AUR AATMA KE LIYE KUCHH NAHIN.IS TARAH HAM APANI AATMAA KE VIKAAS ( moksh) men baadhaa banate hain. sirf intazaar karane se moksha nahin hotaa, usake liye sadaacharan- naitikataa-maanavochit vyavahaar kee aawashyaktaa hai - saadhana ke roop men.<br /><br />DR. RAGHUNATH MISHRDR.. RAGHUNATH MISHRAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-34384302686458697942013-05-02T23:35:51.296+05:302013-05-02T23:35:51.296+05:30जेन्नी स्वागत ....
कहते हैं जो पुन्यतामाएं सिर( जह...जेन्नी स्वागत ....<br />कहते हैं जो पुन्यतामाएं सिर( जहाँ से इन्सान पैदा होता है ) उसी रस्ते से प्राण छोड़ती हैं ........ जो कि वे सिर्फ अपनी इच्छा से कर सकती हैं ...... ......(.और यह आत्मबल ,ज्ञान और इस नश्वर संसार में मोह माया से मुक्ति ...........उसे यज्ञ ,तप और सुकर्म से ही प्राप्त होता है .) तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है .........Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-77628256723203249192013-05-02T23:30:40.680+05:302013-05-02T23:30:40.680+05:30दिगम्बर जी ....सच है आत्मचिंतन और सुकर्म .......हम...दिगम्बर जी ....सच है आत्मचिंतन और सुकर्म .......हमें मोक्ष का रास्ता दिखा सकते हैं ...Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-84784897597955302302013-05-02T14:15:06.006+05:302013-05-02T14:15:06.006+05:30मोक्ष मिलता भी है या नहीं कौन जाने? जन्म मरण का चक...मोक्ष मिलता भी है या नहीं कौन जाने? जन्म मरण का चक्र कभी रुकता नहीं. दार्शनिकता-से भाव, बहुत सुन्दर, बधाई. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-84648578134191556592013-05-02T13:48:35.042+05:302013-05-02T13:48:35.042+05:30जब तक ना हो जाए हमारे कर्मो का हिसाब
मोक्ष को तरसत...जब तक ना हो जाए हमारे कर्मो का हिसाब<br />मोक्ष को तरसती रहे आत्मा ,चलता रहे <br />जन्म-मरण और जन्म फिर , यह चक्र चिरकाल ..<br /><br />ये चक्र कब खत्म होगा .. इसका पता भी आत्मचिंतन से ही लगेगा ... अन्यथा चक्र तो चलता रहेगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-33231926390919967222013-05-01T23:21:02.496+05:302013-05-01T23:21:02.496+05:30अंजू .सच कहा एक जीवन में मोक्ष ( जन्म-मरण से छुटका...अंजू .सच कहा एक जीवन में मोक्ष ( जन्म-मरण से छुटकारा ) मिल जाए ये कहाँ ज़रूरी है ...:)....वे तो विरले ही होते हैं जो मुक्ति पा जाते हैं ............. आपका सदैव स्वागत है Poonam Matiahttps://www.blogger.com/profile/02537790258861413412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-18530746472606059852013-05-01T23:06:14.888+05:302013-05-01T23:06:14.888+05:30जीवन में मोक्ष ही मिले ...ये जरुरी भी तो नहीं जीवन में मोक्ष ही मिले ...ये जरुरी भी तो नहीं Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-46285888895843262662013-05-01T23:05:40.051+05:302013-05-01T23:05:40.051+05:30खूबसूरत रचना खूबसूरत रचना Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4103944579585830183.post-83374807730291308422013-05-01T22:36:19.669+05:302013-05-01T22:36:19.669+05:30पूनम माटिया इस कदर दार्शनिक बन गई कि उसे महात्मा क...पूनम माटिया इस कदर दार्शनिक बन गई कि उसे महात्मा कहने को मन करता है. इजाज़त?Prem Chand Sahajwalahttps://www.blogger.com/profile/16785012663655370640noreply@blogger.com