ख़याल है पन्ने .....ज़हन एक किताब ............
.....poonam
Friday, August 24, 2012
तड़प
अश्क बह जाएँ
किसे फ़रक पड़ता है
सूख के दरदरे हो जाएँ
क्या फ़रक पड़ता है
न पत्थर पिघलता है
न सागर मचलता है
बस एक दिल तड़पता है
और दो आंखें बरसती हैं ................पूनम(N)
2 comments:
Atul Pathak
August 30, 2012 at 9:53 AM
Deeply heart touching for all
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Poonam Matia
September 3, 2012 at 8:11 PM
शुक्रिया अतुल
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Deeply heart touching for all
ReplyDeleteशुक्रिया अतुल
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