ख़याल है पन्ने .....ज़हन एक किताब ............
.....poonam
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Tuesday, January 15, 2013
रिश्ते और मौन .........................
जब भी जहाँ भी जैसे भी रिश्तों पे कोई छाया आई है
मौन छाया हर तरफ रिश्तों ने खोई अपनी तरुनाई है
सुना था के साँसों की गर्मी से ''बर्फ़'' पिघल जाती है
शक-ओ-शुबहा के अब्र तले साँसे भी बनी हरजाई हैं
.........poonam
4 comments:
vandana gupta
January 15, 2013 at 1:08 PM
बहुत खूब
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Poonam Matia
January 15, 2013 at 11:41 PM
shukriya Vandana ji
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संजय भास्कर
February 11, 2013 at 10:00 PM
वाह बेहतरीन !!!!
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Poonam Matia
February 11, 2013 at 10:22 PM
धन्यवाद अहर्निश ......स्वागत है आपका
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बहुत खूब
ReplyDeleteshukriya Vandana ji
Deleteवाह बेहतरीन !!!!
ReplyDeleteधन्यवाद अहर्निश ......स्वागत है आपका
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