Tuesday, March 26, 2013

पी संग होली खेली .............रंग प्यार के


एक सखी दूजी से बोली
मैंने पी संग खेली होली
भीगी अंगिया भीगी चोली
मैंने पी संग खेली होली

कंगन, झुमका, पायल, हार
नहीं मोहे कोई दरकार
मैं पी की बाँहों में झूली
मैंने पी संग खेली होली

रंग डारे मोरे गाल गुलाल
सर्र-२ चले पानी की धार
मैं झूम झूम बांवरी हो ली
मैंने पी संग खेली होली

कजरा, गजरा, बिंदी, लाली
शर्म-ओ-हया सारी धो डाली
देवर-नंदोई संग करूँ ठिठोली
मैंने पी संग खेली होली

मोरे पिया  गए अब बोराए
सब जन आगे अंग लगाये
खाई कैसी नशे की गोली
मैंने पी संग खेली होली...............पूनम


9 comments:

  1. होली की महिमा न्यारी
    सब पर की है रंगदारी
    खट्टे मीठे रिश्तों में
    मारी रंग भरी पिचकारी
    ब्लोगरों की महिमा न्यारी …………होली की शुभकामनायें

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    1. धन्यवाद वंदना .......वाकई ब्लोगरों की महिमा का कोई पारावार नहीं लगता :)

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  2. khoobsurat rango se sarobaar rachna.........& thanks

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  3. जिन चूल्हों में नहीं है लकड़ी, और किरोसिन गैस,
    उनका भी रखें खयाल हम करते रंग संग ऐश-----
    जिन बच्चों की आँख ना देखी, गुझिया और ना रोली
    उनको क्या (?) 26जनवरी, 15अगस्त ईद या होली!!

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    1. चिंता जताती पंक्तियाँ ..... वाजिब है चिंता करना

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  4. धन्यवाद यशवंत जी

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