Friday, August 9, 2013

Teej kii hardik badhaiyaan .....................


सावन का आया है सुहावना माह 
मयूर बन झूमने की उठी है चाह 

ज्यूँ कृष्ण संग रास रचावें गोपियाँ 
त्यूँ बदरा करे अम्बर में अटखेलियाँ

मनोहारी ‘कुमारी’ छाई है छटा 
सौंधी है माटी , बावरी हुई जाए घटा

पुष्प हैं सुगन्धित , पवन है आनंदित
‘तीज’ उड़त, हिय रोम-रोम आह्लादित

चहु ओर पींग बढावें सु-कुमार
ललनाएं झूलन को चली कर सोलह-सिंगार

मनिहारिन सतरंगी चूड़ी ले इत-उत फेरा लगावे
गोरी कलइयां थामन कृष्ण खुद झुला झुलावन आवें

मन-भ्रमर कहीं भी चैन न पावे
तीज मनाने छोरी पिया मिलन ही चहावे

सांवरिया संग मन पंछी गगन चूम-चूम आवे
कजरी, मल्हार सावन की भीनी-भीनी फुहार सुनावे

बरसों बरस यूँही भारतीय संस्कृति परवान चढती जावे
तीज-त्यौहार ,लोक-परम्पराएं सब मिलके चाव से निभावें ....... poonam matia 

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