ख़याल है पन्ने .....ज़हन एक किताब ............
.....poonam
Sunday, May 11, 2014
ग़ज़ल.......तरही ग़ज़ल ...जब से ग़ैरों के घर आना-जाना हुआ
अहदे-कुहन ----------- पुराना युग महजूर .................विरह का मारा मिस्ल ..................जैसे अह्द ....................युग कुहन ...................प्राचीन
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