आओ इस शिक्षक दिवस कुछ नया कर जायें
कुछ नया सोचे कुछ नयी नीति अपनाये |
डा राधा कृष्णन के जन्म दिवस को यूँही
हल्के में सिर्फ नाच-गाकर ही न बिताएं |
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||
अफसर-शाही, सरकारी बाबू सब इसने दिए
पर क्या सही दिशा निर्माण हम कर पाए ?
अंग्रेजो ने तो स्वार्थ सार्थक किये थे अपने
पर क्या अपनों ने अपने सही कर्म निभाए ?
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||
पाणिनि ने कभी दिया था व्याकरण
चरक की विधा चरक-संहिता कहलाये|
चाणक्य बने थे कूटनीति के ज्ञाता
शिक्षा आज क्यों विद्यार्थी को“जी-हजूर”बनाए?
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||
कभी सशक्त रही थी अपनी शिक्षा प्रणाली
पर फिर भी आज क्यों शिक्षा पिछड़ी जाए?
शिक्षक दिवस पर क्यों न फिर से सोचे
गुरु-शिष्य परम्परा अपना, फिर क्रांति लाये |
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||
आओ शपथ ले आज हम सब मिल कर
बस पाठ्यक्रम की पूर्ति न एक ध्येय बनाए |
तर्क-वितर्क जो कभी आधार था शिक्षा तंत्र का
उसे फिर से अपना कर, आत्मविश्वास जगाए |
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||
एक ही ढर्रे पर चला-चला के दिमाग को
क्यों हम अपनी सृजन क्षमता घटाए |
उन्मुक्त सोच और बढ़ा निर्णय क्षमता को
आओ फिर से एक समृद्ध भारत बनाए |
आओ इस शिक्षक दिवस ……………||........पूनम माटिया
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