Saturday, October 29, 2016

मिलकर इस दीपावली, गायें सुख के गान

शहीदों के परिवारों के संग मिलकर दीपावली मनायें , माटी के दीपक जलायें ...शुभकामनाएं .. डॉ. पूनम माटिया(विद्यावाचस्पति)



चहु दिशि ही यह नाद है, भारत देश महान।
उत्सव हैं हर रंग केदिन-दिन बढ़ती शान।।

साफ़-सफाई में जुटें
, हितकर इसको मान ।
कुछ दिन सीमित ना रहे, हो बस इसका ध्यान।।

घर-आँगन सब साफ़ हों
, तन-मन हो सहमान।
जात-पात मज़हब तजें, तज दें हम अभिमान।।

माटी के दीपक जलें
, संस्कृति का हो भान|
सबको ही
रोटी मिले, सबके हों भगवान।|

सुंदर दीपक घी भरा
, सब साजो-सामान।
राम-सिया की भेंट हो, पूजन अरु जलपान।।

‘पूनम’ इच्छा है यही
, ख़ुद को लें पहचान|
घर-घर पूजें राम को
, भीतर से अंजान।|

भारत माँ की आन को, तज दे
ते जो प्रान|
उनके अपने क्यों रहें, ख़ुशियों से अन्जान||

मिलकर इस दीपावली, गायें सुख के गान| 
दीपों की अवली सजे, हो उनका सम्मान||

नर-नारी बच्चों सहित
, सबका है अरमान।
लक्ष्मी इस दीपावली, आयें बन महमान।।

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