Monday, April 29, 2024

“क्षितिज के छोर तक”- नवीन काव्य-संकलन -पूनम माटिया

“क्षितिज के छोर तक” कवयित्री पूनम माटिया का पाँचवा काव्य संग्रह है जिसमें वे अंतस् में उठती हुई सागर-सी तरंगो को शब्दों के पंख लगाकर क्षितिज के छोर तक पहुँचाने का प्रयास करती दिखाई देती हैं….



इस संग्रह की रचनाएं….वैज्ञानिक दृष्टि….नवीन बिम्ब….प्राकृतिक सौन्दर्य….रिश्तों की बुनावट….परिवार….संस्कार….समाज….देश….विश्व को जोड़ते हुए मानवीय संवेदनाओं को आसान शब्दों में ढालकर काव्य की विविध विधाओं में पाठक से संवाद करती हैं

….छेड़ती हैं….गुदगुदाती हैं….प्रेरित करती हैं क्यूंकि ज़िन्दगी रुकने का नहीं चलने का नाम है….



आपके साथ ख़ुशी साझा करना चाहती हूँ ......
स्वप्न श्रृंगार , अरमान , अभी तो सागर शेष है ........भाग 1 और फिर भाग 2 के बाद एक काव्य संग्रह साहित्यपीडिया द्वारा प्रकाशित होकर आ गया है ...... “क्षितिज के छोर तक”
ई बुक का लिंक दे दिया है इस पोस्ट में (केवल 99 रूपये) और
पेपर बैक पुस्तक आकार(199 रूपये केवल) शीघ्र ही उपलब्ध होगी

#साहित्यपीडिया

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