Thursday, November 29, 2012

कजरारे नयन तुम्हारे 

करे मेघ भी कारे

मुझ भ्रमर मन को चैन कहाँ 


उडत फिरत हूँ 



रस को तिहारे




इत-उत निहारूं
,


चित किंचित अकुलाए 


पल भर को पलक झपकाओ ,


प्रिय 


मोर मन धीर कहीं तो पाए ..........Poonam 

Saturday, November 17, 2012

छट का पावन पर्व



भोर की भई है बेला

नहीं तिमिर का कहीं चिन्ह

सूर्य का साम्राज्य चहू –ओर 

नदिया का पावन तीर


दीया-बाती,


मोहक महक अगरबत्ती की 


पावन-पर्व , श्रद्धा-सुमन


कर–जोड़े, पुलकित मन


सज-धज कर करें


अर्पित हम पुष्प और नीर


छटा यह  न्यारी


निहारे बच्चे ,पुरुष और नारी .........पूनम (स्वप्न शृंगार)

Tuesday, November 13, 2012

माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो ..

इस दीपावली सदविचारों का संचार हो 
कलह-क्लेश का शमन शांति स्नेह का प्रसार हो 
वाणी कर्म और बुद्धि पर सरस्वती का वास हो 
माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो 

लक्ष्मी चंचला ,स्थान एक ठहरती नहीं
मूढ़, अज्ञानी मानव की चाहे कभी भरती नहीं
सांसारिक माया ,इंसा की झोली कभी भरती नहीं
गुज़ारिश भगवान से ,संतुष्टि का हमें वरदान हो

राम जी की अयोध्या वापसी खुशियाँ ले आती हैं
हर वर्ष लक्ष्मी पूजन को घर-दुकाने सज जाती हैं
पर महंगाई की मार गरीब की खुशियाँ छीन ले जाती है
दीपोत्सव पर गम की लकीरें मिटें ऐसा कुछ अनुदान हो

प्रदूषण का दानव रहा है बाहें पसार
वातावरण में विष का हो रहा है संचार
माटी ,जल, वायु कुछ नहीं स्वच्छ देने को उपहार
छोड़े नहीं पटाखे तो अग्नि,जल, पवन देव मेहरबान हों


माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो ................. ...........पूनम .

आओ मिलकर मिटटी के दीप जलायें
अपना जहाँ जगमगाएं ,दीपावली मनाएं

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें.

शुभ दीपावली 
.................
मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें


लक्ष्मी जी बिराजे कमल सिंहासन
मुख मंडल पर किरणों का आसन
सुंदर सुजल तुम्हारे दोउ नयना
स्वर्ण मुकुट ,चमके पायल हर गहना
थिरके मंद-मंद मुस्कान अधर तिहारे
स्वर्ण मुद्रा छलकत हस्त पखारे
आ बैठों भगवान् गणेश के सहारे
माँ लक्ष्मी हम तिहारो पंथ निहारे

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें

पदम विराजे, गज सवारी तुमने किन्ही
भक्तन की सब विपदा हर लीन्ही
मुझ गरीब की कुटिया पधारो
आवो माँ मेरा भाग्य सवारों
हृदय सिंहासन पर आ बैठो मात
त्तोहे से करले कछु दिल की बात
जय जय महालक्ष्मी करे भक्त पुकार
जय जय महालक्ष्मी सुनलो हमरी गुहार

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें....................पूनम 

Friday, November 9, 2012

इन्तेज़ार ......





तमन्नाये कहें या ख्वाइशें मेरी अभी हैं बाकी || 

गेसुओं की छाँव में उम्र बिताना अभी है बाकी||




छोड़ दे जिद्द बस आजा एक बार सिर्फ मेरे लिए|


एक उम्र से तरसा हूँ तिश्नगी बहुत अभी हैं बाकी|| 





कशिश तेरी खींच लाती है मुझे बज़्म में तेरी |


दीदार-ए-यार की तड़प दीवानगी अभी है बाकी|| 




हैरत है के जिन्दा हूँ तन्हाइयों ,खामोशियों में भी| 


कुछ तुझे सुनना,कुछ तुझे सुनाना अभी है बाकी || 





अब के आना 'पूनम' तो रूठ जाना बेशक |

के तेरा रूठना ,मेरा मनाना अभी है बाकी ||......................poonam