Tuesday, November 13, 2012

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें.

शुभ दीपावली 
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मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें


लक्ष्मी जी बिराजे कमल सिंहासन
मुख मंडल पर किरणों का आसन
सुंदर सुजल तुम्हारे दोउ नयना
स्वर्ण मुकुट ,चमके पायल हर गहना
थिरके मंद-मंद मुस्कान अधर तिहारे
स्वर्ण मुद्रा छलकत हस्त पखारे
आ बैठों भगवान् गणेश के सहारे
माँ लक्ष्मी हम तिहारो पंथ निहारे

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें

पदम विराजे, गज सवारी तुमने किन्ही
भक्तन की सब विपदा हर लीन्ही
मुझ गरीब की कुटिया पधारो
आवो माँ मेरा भाग्य सवारों
हृदय सिंहासन पर आ बैठो मात
त्तोहे से करले कछु दिल की बात
जय जय महालक्ष्मी करे भक्त पुकार
जय जय महालक्ष्मी सुनलो हमरी गुहार

मंगल गाले , दीपों की अवली सजाले
आवो मंदिर में माँ लक्ष्मी को बिठालें....................पूनम 

2 comments:

  1. मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

    दीप पर्व की आपको व आपके परिवार को ढेरों शुभकामनायें

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  2. वन्दना जी ....सुंदर सन्देश देती हुई आपकी पंक्तियाँ .....बहुत बहुत धन्यवाद

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