Tuesday, November 13, 2012

माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो ..

इस दीपावली सदविचारों का संचार हो 
कलह-क्लेश का शमन शांति स्नेह का प्रसार हो 
वाणी कर्म और बुद्धि पर सरस्वती का वास हो 
माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो 

लक्ष्मी चंचला ,स्थान एक ठहरती नहीं
मूढ़, अज्ञानी मानव की चाहे कभी भरती नहीं
सांसारिक माया ,इंसा की झोली कभी भरती नहीं
गुज़ारिश भगवान से ,संतुष्टि का हमें वरदान हो

राम जी की अयोध्या वापसी खुशियाँ ले आती हैं
हर वर्ष लक्ष्मी पूजन को घर-दुकाने सज जाती हैं
पर महंगाई की मार गरीब की खुशियाँ छीन ले जाती है
दीपोत्सव पर गम की लकीरें मिटें ऐसा कुछ अनुदान हो

प्रदूषण का दानव रहा है बाहें पसार
वातावरण में विष का हो रहा है संचार
माटी ,जल, वायु कुछ नहीं स्वच्छ देने को उपहार
छोड़े नहीं पटाखे तो अग्नि,जल, पवन देव मेहरबान हों


माँ लक्ष्मी का वरद हस्त हम पर मेहरबान हो ................. ...........पूनम .

आओ मिलकर मिटटी के दीप जलायें
अपना जहाँ जगमगाएं ,दीपावली मनाएं

7 comments:

  1. aapki kavitaon ka me diwana hu

    aapki likhi hui ek ek kavita mujhe acchi lagti he

    man me bhartiy hone ka jazba kayam karti he

    sach me aapne us puar wale se kuch khas god-dift paya he poonam ji

    Wishing you a joy full Happy Diwali

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    1. shukriya Narendra ji ..thats a gr8 complement that u like all my compositions . yes its a blessing of ma bhagwati that i m able to write sm thing :)

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  2. दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएँ!


    सादर

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    1. यशवंत जी आपको भी इस दीप महोत्सव की शुभकामनाएं

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  3. सुंदर भावों से युक्त सरस रचना के लिए आपका आभार
    आदरणीया पूनम जी !




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    1. शुक्रिया राजेंद्र जी ........आपने मेरी रचना को पढकर सार्थक किया

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  4. आदरणीया पूनम जी !

    आपको भी मेरी रचनाओं को पढ़ कर मुझे धन्य करने के लिए मेरे ब्लॉग पर पधारने का आमंत्रण है …
    शस्वरं
    shabdswarrang.blogspot.in

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