Sunday, March 10, 2013

उम्मीदें नहीं मरा करती .......HOPE never dies ..

लम्बा कितना ही इंतज़ार हो .......समय की रफ़्तार कितनी भी तेज हो ......अकेलेपन की इन्तेहा हो ............तो भी आशा का दामन न छोड़ना ......उम्मीदें नहीं मरा करती .....

आँखें मुंदी हो ,रात काली स्याह हो
चाँद भी जा छिपा हो बादलों के पीछे
तारें मेरी आशाओं के हैं झिलमिलाते
रोशन है शमा फिर भी मेरे दिल की
अमिट है तेरी हलके पंखों सी छुअन
ठंडी हवा के झोंकों सी रहती है ताज़ा
जलाए रखती है मेरे साँसों की लौ ..............
पूनम 

The  unending wait .....the passage of time ........the effects of lonelines ..............HOPE never dies ..


Eyes Might be closed ,Night might be dark

Moon might be hiding behind black clouds

But stars do twinkle enlightening my hopes

So is bightly lit the flame inside my heart

Light, fluffy feathers of ur unscrapable touch

still afresh in my memories ,like a breeze
feeding the hungry flame of my beating heart ...................
poonam

8 comments:

  1. शुक्रिया दिनेश पारीक जी ...........

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  2. सच कहा पूनम जी उमीदें मारा नहीं करती वर्ना जीने की आस ही समाप्त हो जाये.

    सुंदर प्रस्तुति.

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  3. जी रचना जी ...........आस है तो सांस है .........आप का सदैव स्वागत है

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  4. बहुत बढ़िया.....सुन्दर रचना एक बढ़िया सन्देश देती हुयी ...कि...चाहे जीवन में कुछ हो जाए....उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए....क्योकि स्याह रात के बाद ही सूरज की किरण आती है.....उजाला होता है....और सब साफ़ दिखाई देने लगता है.....

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    1. धन्यवाद नरेश .............सच कहा ........../. स्याह रात के बाद ही सूरज की किरण आती है.....उजाला होता है....और सब साफ़ दिखाई देने लगता है...... गर इन्सान हिम्मत और धैर्य रखते हुए अपने कर्म करता जाए तो कोई शक नहीं .........कि अँधेरा छट जाएगा और फिर ज्ञान और खुशियों का उजाला ही उजाला होगा .......

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