Saturday, November 25, 2023
525_वीं_जन्मजयंती_मीरा
कौन चलेगा साथ हमारे, किसको कौन वरे
क़िस्मत में वो ख़ास निशानी लिक्खी होती है
केवल राधा ही मोहन को पूर्ण नहीं करती
'मीरा'-सी भी एक दिवानी लिक्खी होती है
पूनम माटिया
#525_वीं_जन्मजयंती_मीरा #मीराबाई #श्रीकृष्ण #राधाकृष्ण #meera
*पूनम माटिया को मिला सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न अवार्ड-2023*
प्रसिद्ध कवयित्री, अंतस् की अध्यक्ष, डॉ पूनम माटिया, दिल्ली को उनके अनवरत साहित्यिक योगदान हेतु मिला सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न अवार्ड।
9 वें ग्लोबल लिटरेचर फेस्टिवल नोएडा के तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान 5 अक्टूबर 2023 को भव्य आयोजन में एशियन अकादमी ऑफ़ आर्ट्स तथा राइटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा अंग वस्त्रं, पुष्प गुच्छ, प्रशस्ति पत्र तथा सम्मान प्रतीक देकर मंचासीन द्वारा सम्मानित किया गया डॉ पूनम माटिया को।
मंच पर वाइस चांसलर डॉ संदीप मारवाह, फ़ेस्टिवल डायरेक्टर श्री सुशील भारती, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. दिविक रमेश, कवि एवं समाजसेवी श्री प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु, आदित्य बिड़ला समूह के सीनियर वाइस प्रेज़िडेंट डॉ विनोद कु.वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अतिथियों द्वारा पूनम माटिया के साथ 7 अन्य वरिष्ठ लेखकों, कवि-कवयित्रियों(अखिल भारतीय) को *चौथा सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न अवार्ड* प्रदान किया गया।
विश्व अध्यापक दिवस पर डॉ मारवाह ने अपने उद्बोधन में पिता स्व. सूरज प्रकाश मारवाह के व्यक्तित्व को व्याख्यायित करते हुए उन्हें अपना टीचर बताया। साथ ही शिक्षा को खुले हृदय और हाथों से भिक्षा के रूप में लेने को ही दीक्षा परिभाषित कर एक ग्रहणीय सूत्र दिया।
डॉ पूनम माटिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए साहित्य को अविरल साधना कहा और इस महनीय अवार्ड के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
ज्ञात हो वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी सातवें ग्लोबल लिटरेचर फेस्टिवल नोएडा, 2021 में संस्थान ने उन्हें 'अंतरराष्ट्रीय डॉ सरोजिनी नायडू अवार्ड' से नवाज़ा था।
9 वें ग्लोबल लिटरेचर फेस्टिवल नोएडा के तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान 5 अक्टूबर 2023 को भव्य आयोजन में एशियन अकादमी ऑफ़ आर्ट्स तथा राइटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा अंग वस्त्रं, पुष्प गुच्छ, प्रशस्ति पत्र तथा सम्मान प्रतीक देकर मंचासीन द्वारा सम्मानित किया गया डॉ पूनम माटिया को।
मंच पर वाइस चांसलर डॉ संदीप मारवाह, फ़ेस्टिवल डायरेक्टर श्री सुशील भारती, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. दिविक रमेश, कवि एवं समाजसेवी श्री प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु, आदित्य बिड़ला समूह के सीनियर वाइस प्रेज़िडेंट डॉ विनोद कु.वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अतिथियों द्वारा पूनम माटिया के साथ 7 अन्य वरिष्ठ लेखकों, कवि-कवयित्रियों(अखिल भारतीय) को *चौथा सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न अवार्ड* प्रदान किया गया।
विश्व अध्यापक दिवस पर डॉ मारवाह ने अपने उद्बोधन में पिता स्व. सूरज प्रकाश मारवाह के व्यक्तित्व को व्याख्यायित करते हुए उन्हें अपना टीचर बताया। साथ ही शिक्षा को खुले हृदय और हाथों से भिक्षा के रूप में लेने को ही दीक्षा परिभाषित कर एक ग्रहणीय सूत्र दिया।
डॉ पूनम माटिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए साहित्य को अविरल साधना कहा और इस महनीय अवार्ड के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
ज्ञात हो वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी सातवें ग्लोबल लिटरेचर फेस्टिवल नोएडा, 2021 में संस्थान ने उन्हें 'अंतरराष्ट्रीय डॉ सरोजिनी नायडू अवार्ड' से नवाज़ा था।
Tuesday, November 7, 2023
सारगर्भित सुंदर समीक्षात्मक लेख-पुष्कर सिन्हा-पूनम माटिया संग्रह
भागलपुर, बिहार से पुष्कर सिन्हा द्वारा प्राप्तइस सारगर्भित सुंदर समीक्षात्मक लेख के लिए स्नेहिल आभार।
आपकी लेखनी में पूर्वी भारत यानी बिहार और बंगाल की सौम्य झलक मिल रही हैं।👇
स्वप्न श्रृंगार पुस्तक मे लिखी गयी आपकी आत्मकथा आपके व्यक्तित्व के बहुमुखी प्रतिभा को दर्शता है!
रावलपिंडी के मिट्टी से दिल्ली की भीड़ तक का खुबसूरत सफर जो निरंतर अग्रशर हैं,!
जीवन के भागदौर और परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए पढाई करना और साहित्य की रचना करना ये कहने के लिए आसान है, लेकिन इससे ज्यादा मुश्किल कुछ भी नही, ये माता दुर्गा का ही दस हाथ बाला नारी रूप है जो एक साथ सभी जगह सफलता का परचम लहरा पाती हैं!
एक मध्यवर्गीय परिवार से जहाँ माता ,पिता भाई और बहनो से भरा पुरा घर है, उस जगह से एक लड़की राजन इकबाल , गुलशन नन्दा ,सिडनी शेल्डन चंपक और नंदन से सफर की शुरुआत कर आज अंतस साहित्य संस्था के अध्यक्ष के पद पर होना, और तीन पुस्तकों का प्रकाशन अनगिनत सम्मान और अवार्ड .......
हिन्दी साहित्य मे आपका योगदान एक उत्कृष्ट लेखिका का बना हुआ है, आपकी काबिता और गज़लों का एक एक शव्द मन मस्तिस्क तक पहुँच पाता है ये आपकी लेखनी *की सबसे बड़ी विशेषता है👍
स्वप्न श्रृंगार मे जितनी रचनाएँ है सभी बहुत ही उत्कृष्ट है !
आपकी "अरमान" रचनाएँ मे परिलक्षित होते रहे और साहित्य जगत को नित नवीन आपकी रचना मिलती रहे!!!!!!
अभी तो ये शुरुआत है, अभी तो सागर शेष है,....,..........
* पुष्कर सिन्हा भागलपुर