Tuesday, November 7, 2023

सारगर्भित सुंदर समीक्षात्मक लेख-पुष्कर सिन्हा-पूनम माटिया संग्रह




ागलपुर, बिहार से पुष्कर सिन्हा द्वारा प्राप्तइस सारगर्भित सुंदर समीक्षात्मक लेख के लिए स्नेहिल आभार।
आपकी लेखनी में पूर्वी भारत यानी बिहार और बंगाल की सौम्य झलक मिल रही हैं।👇
स्वप्न श्रृंगार पुस्तक मे लिखी गयी आपकी आत्मकथा आपके व्यक्तित्व के बहुमुखी प्रतिभा को दर्शता है!
रावलपिंडी के मिट्टी से दिल्ली की भीड़ तक का खुबसूरत सफर जो निरंतर अग्रशर हैं,!
जीवन के भागदौर और परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए पढाई करना और साहित्य की रचना करना ये कहने के लिए आसान है, लेकिन इससे ज्यादा मुश्किल कुछ भी नही, ये माता दुर्गा का ही दस हाथ बाला नारी रूप है जो एक साथ सभी जगह सफलता का परचम लहरा पाती हैं!
एक मध्यवर्गीय परिवार से जहाँ माता ,पिता भाई और बहनो से भरा पुरा घर है, उस जगह से एक लड़की राजन इकबाल , गुलशन नन्दा ,सिडनी शेल्डन चंपक और नंदन से सफर की शुरुआत कर आज अंतस साहित्य संस्था के अध्यक्ष के पद पर होना, और तीन पुस्तकों का प्रकाशन अनगिनत सम्मान और अवार्ड .......
हिन्दी साहित्य मे आपका योगदान एक उत्कृष्ट लेखिका का बना हुआ है, आपकी काबिता और गज़लों का एक एक शव्द मन मस्तिस्क तक पहुँच पाता है ये आपकी लेखनी *की सबसे बड़ी विशेषता है👍
स्वप्न श्रृंगार मे जितनी रचनाएँ है सभी बहुत ही उत्कृष्ट है !
आपकी "अरमान" रचनाएँ मे परिलक्षित होते रहे और साहित्य जगत को नित नवीन आपकी रचना मिलती रहे!!!!!!
अभी तो ये शुरुआत है, अभी तो सागर शेष है,....,..........
* पुष्कर सिन्हा भागलपुर

4 comments: