डर से बंद कर रखी हैं हमने अपनी आँखें
कि कोई इन अश्कों को देख न ले
अँधेरे में बैठे हैं छुपके
कि कोई हमे तलाश न ले
जिंदगी गुज़ार रहे हैं कुछ इस तरह
कि ख्वाबो को भी हमसे शिकायत हो गयी
क्या करें कि ज़माने में यूँ
रुसवा हमारी मोहब्बत हो गयी
जानते थे दरमियां मजहबी दीवारें हैं खडी
फिर भी गुस्ताखी ये हम से हो गयी ..........पूनम(ss)
कि कोई इन अश्कों को देख न ले
अँधेरे में बैठे हैं छुपके
कि कोई हमे तलाश न ले
जिंदगी गुज़ार रहे हैं कुछ इस तरह
कि ख्वाबो को भी हमसे शिकायत हो गयी
क्या करें कि ज़माने में यूँ
रुसवा हमारी मोहब्बत हो गयी
जानते थे दरमियां मजहबी दीवारें हैं खडी
फिर भी गुस्ताखी ये हम से हो गयी ..........पूनम(ss)
Very Good Poonamji, As usual its very nice...
ReplyDeleteD.K. ji thnx for such an encouraging response .
Deletecongratulation for creating blog and thank for posting nice poem.
ReplyDeleteBasanta Maharjan ji I m thnkful to u for ur positive reinforcement ......there are other compositions too in this blog .
Deleteyes. i have read these. thanks
DeleteDear Poonam Ji!
ReplyDeleteVery nice blog, Congrats a lot....keep posting ur nice work:)
Kumar Bindaas
thnx Kumar Bindaas ..thats really gr8 and yes I saw ur blog ....and wd certainly get bk to u if needed ...:)
DeleteDear Poonam Ji!
DeleteThanx for visiting & joining my blog. Your poems are really touching & worthy to view again n again:)
http://intradaymovers.blogspot.in/2012/07/heart-care-and-cholesterol.html#comment-form
Dear Poonam ji!
ReplyDeleteYour blog colour scheme is very good. But you can change colour & format both of your blog, so many options available. Check my blog, you will like my blog's format. If any help needed then tell me, i will do for sure.
Rgrds,
Kumar
http://intradaymovers.blogspot.in/
दोस्त तू है मेरा सबसे न्यारा,
ReplyDeleteतुझे मुबारक हो तेरा जन्मदिन यारा,
मेरी भी ना नज़र लगे आपको,
कभी उदास ना हो आपका ये चेहरा जो बड़ा है प्यारा!
जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो प्रिय मित्र पूनम जी,
ईश्वर आपको सदैव सुख, शान्ति, समृधि प्रदान करे...
कुमार बिंदास
पाकर आपका स्नेह अभिभूत हुई है 'पूनम '
Deleteचहक उठी है तरंग
प्रफुल्लित हुआ है मन .धन्यवाद ....कुमार बिंदास
sabse pahle aapko blog banane ke liye dhanyavaad. aur shubhkamna ki aap sadev likhti rahen. mai aapki rachnayen f b pe padhta tha.isliye aapko janta hun.
ReplyDeleteअतुल जी शुक्रिया एवं स्वागत .......
DeleteGreat Going Poonam,.... keep it and high
ReplyDeleteसुनील पटोदिया जी बहुत बहुत आभार .......do feel free to suggest, if any
Deletebehtareen... :)
ReplyDeleteshukriya......Mukesh ji ...
Deleteab follow kar raha hoon, barabar aana hoga:)
ReplyDeletekabhi hamare blog pe padharen..
thnx for the honour......
Deletezaroor aaungi .....achha padhne ki khwaaish kise nahi hoti.
Har baar ki tarha laajwaab...
ReplyDeletethnx a lot ..........plz do leave ur name
DeleteDear Poonam ji!
ReplyDeleteVery nice work, thanx a lot:)
Rgrds,
Kumar
http://intradaymovers.blogspot.in/2012/10/lifes-learningapply.html#comment-form
thnx a lot Kumar ........:)
Deletekhoobsurat kavita poonam ji
ReplyDeleteArunji shukriya
Deleteजिंदगी गुज़ार रहे हैं कुछ इस तरह
ReplyDeleteकि ख्वाबो को भी हमसे शिकायत हो गयी
बहुत सुन्दर --पर ये निराशा क्यों पूनम हो चांदनी बिखेरिये |
अभय जी ......हाँ पूनम का तो काम ही चांदनी फैलाना है परन्तु
Deleteजहाँ अँधेरा हो वहाँ तो नज़र थम ही जाती है और ख्यालात अलफ़ाज़
बन जाते हैं :)))))))) धन्यवाद आपकी चिंतन युक्त प्रक्रिया के लिए
(वैसे ये एक मित्र जो मुस्लिम हैं और हिंदू लड़की से निकाह करना चाह
रहे थे उनके लिए लिखा था हालाँकि अब तो उनकी शादी और बिटिया भी हो गयी )
:)
डर से बंद कर रखी हैं हमने अपनी आँखें
ReplyDeleteकि कोई इन अश्कों को देख न ले
अँधेरे में बैठे हैं छुपके
कि कोई हमे तलाश न ले
==
बहुत शानदार--फ़ोटो भी जानदार !
शुक्रिया ओम जी .......स्नेह बनाये रखियेगा
Deleteजानते थे दरमियां मजहबी दीवारें हैं खडी
ReplyDeleteफिर भी गुस्ताखी ये हम से हो गयी
..दिल पर किसका जोर चला है ...बहुत खूब!
shukrita Kavita ji .........swagat hai aapka
Deleteसंत ताऊजी महाराज कहते थे कि फ़क़ीरी की तीन शर्तें हैं .. ...
ReplyDelete1. "इल्लत" यानी उसे कोई शारीरिक कस्ट हो ।
2. "किल्लत" यानी उसे कोई कठिनाई हो ।
3. "ज़िल्लत" अर्थात जग कुछ समय तक उसकी निंदा करे।
परन्तु यह अस्थाई है, वे तो पूज्य हैं, पूजे ही जायेंगे ।
फ़ना ख़ुद में हो रहवर, पलट दे ज़िन्दगी मेरी ।
तेरे पैगाम से ज़ाहिर हो, सहने बंदगी मेरी ।।
For other such type of many quotes be member of “Sant Vaani (Sermon of Saints).”
Irrespective of caste, community, religion, cult this group is to promote
Quotes, sermons, preecings, life of saint, seers, kalnders, sufies etc.
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