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Thursday, February 23, 2023

मुक्तक/ क़ता

किये थे कितने वा'दे जब लिये थे साथ में फेरे
बना कर हार बाहों का रहे हर पल मुझे घेरे
सफ़ीना प्यार का डूबा ज़फ़ाओं की हवाओं से
न मैं मुमताज़ बन पायी न तुम शाहे-जहां मेरे
पूनम माटिया #शायरी_दिल_से✏️ #shairi #smile😊 #mümtaz

ghazal...........

मेरे ख़्वाबों से भला आपका रिश्ता क्या है

सुबह उठती हूँ तो तन-मन में महकता क्या है ....पूनम माटिया