Listen this Ghazal -composed and sung by Ram Samudre
https://www.youtube.com/watch?v=mfM9drWAamk
बना के अपना, भूल जाने का कमाल तो न कर
तू इश्क़ को यूँ बेवफ़ाई की मिसाल तो न कर
नज़र-नज़र का फेर है, नज़र पे ग़ौर कर ज़रा
हर एक सू ज़वाल को तू अब बहाल तो न कर
सवाल ही सवाल हैं, तलाशती जवाब हूँ
सवाल का जवाब दे कि तू सवाल तो न कर
निढाल हो चुकी हूँ मैं, नसीहतों के बोझ से
मज़ीद मशविरों से ज़िन्दगी मुहाल तो न कर
न दूर जा सके तो अब क़रीब भी न आ मेरे
कि मेरी ज़िन्दगी में तू कोई वबाल तो न कर
पूनम माटिया
बहुत सुंदर ग़ज़ल। होली की शुभकामनाएं।
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