माँ को श्रेष्ठ मान हरदम सर झुकाती है दुनिया -२
हर धर्म में उसे ही अपना जहाँ बताती है दुनिया
फिर बेटी जन्म ले इस बात से ही
घबरा कर क्यूँ मुँह छुपाती है दुनिया ? ......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया ?
फिर उसका ही स्वरुप क्यूँ नाले में फेंक आती है दुनिया?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर भ्रूण हत्या का पाप कर क्यूँ इतराती है दुनिया ? ...... भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर इस सुख की कुर्बानी मांग क्यूँ गर्भपात कराती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
जानते हुए भी क्यूँ उसे बलि पर चढ़ाती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर माँ को ही क्यूँ हर बार कसूरवार ठहराती है दुनिया .?.....भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर कन्या को ही अवांछित मान क्यूँ गिराती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
अनजान बन बार-बार कहर ढहाती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर कन्या भ्रूण को ही क्यूँ गिराना चाहती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
बहु बनाने को कन्या कहाँ से आएगी, भूल जाती है दुनिया ?......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर भी पुत्री को अभिशाप मान, पुत्र ही क्यूँ पाना चाहती है दुनिया .?.....भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
फिर उन्ही के लघु रूप की हत्या पाषाण बन क्यूँ कर पाती है दुनिया? ......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
प्रश्न कुलबुलाते होंगे ज़हन में सबके , जानते हैं हम -२
फिर अपनी दफ़े सब भूल,भ्रूण-हत्या को क्यूँ तैयार हो जाती है दुनिया ?... ......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?
कोमल अधपके अंग, एक धडकता, सांस लेता दिल -२
क्यूँ क़त्ल कर खुद को ताकतवर कहलाती है ये दुनिया? ......भ्रूण हत्या कैसे कर पाती है दुनिया?.............................................................................................................. @पूनम माटिया 'पूनम'
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