फेसबुक मैत्री सम्मलेन 29-30 सितम्बर 2012
पूनम की नज़र से |
आयोजक: ‘हम सब साथ साथ’ और ‘अपना घर’
स्थान : ‘अपना घर’ भरतपुर ,राजस्थान ,भारत
विशेष योगदान:किशोर श्रीवास्तव ,अशोक खत्री
अपना घर,भरतपुर |
लगभग एक माह से फेसबुक पर इस आयोजन के होने की सूचना और इससे सम्बंधित गतिविधियों की गूँज हो रही थी जिसकी प्रतिध्वनि भारत के विभिन्न प्रान्तों से सुनी जा सकती थी|दिल्ली से ‘हम सब साथ साथ हैं पत्रिका के संपादक किशोर श्रीवास्तव एवं श्रीमती शशि श्रीवास्तव जी और बयाना से श्री अशोक खत्री जी के मार्गदर्शन में इस प्रोग्राम का आयोजन संभव हुआ|
मै और नरेश गोकुलधाम के दर्शन के बाद |
29 सितम्बर ........
मै(पूनम) और नरेश माटिया 29 सितम्बर को मथुरा में गोकुल धाम के दर्शन कर भरतपुर लगभग दोपहर 4.30 बजे पहुंचे|
अपना घर प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य |
29 सितम्बर की सुबह से कई फेसबुक मित्रगण वहाँ आने शुरू हो गये थे जिनमे सबसे पहले पहुँचने वाले थे उज्जैन से संदीप सृजन( ‘शब्द प्रवाह’ के संपादक) और उनके बाद लेखक /कवि डाक्टर ए.कीर्तिवर्धन (मुज़फ्फरनगर), प्रसिद्द व्यंग्यकार सुभाष चन्द्र (दिल्ली ),गज़लकार ओमप्रकाश यति (नॉएडा ), डाक्टर सुधाकर आशावादी ,कवि अतुल जैन सुराना और गाफ़िल स्वामी (अलीगढ ) भी ‘अपना घर’ पहुंचे |..दिल्ली से आने वाले मित्रों में किशोर श्रीवास्तव ,शशि श्रीवास्तव के साथ संगीता शर्मा (बच्चों सहित ),ऋचा मिश्रा (दैनिक जागरण,नॉएडा ) पूनम तुशामड , सुषमा भंडारी और मानव मेहता (हरियाणा से) आये| झाँसी से नवीन शुक्ला जी और भीलवाडा, भरतपुर, बाड़मेर तथा फतहपुर सीकरी से भी कई मित्र इसमें रात तक शामिल हो गये थे|
विशाल भवन बेसहारों का सहारा |
पीड़ित लड़कियों से बात करते हुए |
अपना घर के लोगों से मिलने को आतुर |
‘अपना घर ‘ से जुड़े हुए अशोक खत्री जी और अपना घर के संस्थापक डाक्टर दम्पति माधुरी जी एवं बी ऍम भारद्वाज जी के सफल निर्देशन में सभी आमंत्रित मेहमानों के रहने ,खाने पीने का बंदोबस्त किया गया था |5 बजे पंजीकरण और परिचय सत्र में सबने अपना-२ परिचय दे कर दो -दिवसीय आयोजन की शुरुआत की|चाय पीकर सभी ‘अपना घर’ संस्था के भ्रमण के लिए अशोक खत्री जी के साथ निकले जहाँ जिंदगी के वीभत्स किन्तु मार्मिक रूप से रु-ब-रु हुए| बातचीत के दौरान मानसिक रूप से परेशान बालिकाओं ,महिलाओं और वृद्धो से उनके हालात के बारे में पता चला कि कैसे जिंदगी ने और उनके अपनों ने ही उन्हें छला था | ‘अपना घर’ संस्था इन अजनबी, अनजान, मुसीबतों से ग्रस्त हर आयु के लोगो को रहने, खाने-पीने और उपचार तथा व्यवसाय की सुविधायें प्रदान कर सामाजिक कार्यों में बेहतरीन योगदान कर रही है| दिल्ली से आये प्रख्यात पत्रकार एवं कवि श्री सुरेश नीरव जी के शब्दों में ‘अपना घर’ आना एक तीर्थ यात्रा के समान है |
अपना घर भ्रमण के बाद एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी जिसका विषय था “मैत्री भाईचारे के प्रचार प्रसार व साहित्यिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक सन्दर्भ में फेसबुक की उपयोगिता”| उदघोषणा किशोर श्रीवास्तव जी ने की और श्री सुभाष चन्द्र जी की अध्यक्षता में लगभग सभी सदस्यों ने ( सर्वश्री कीर्तिवर्धन , पूनम तुशामड , सुधाकर आशावादी , शशि श्रीवास्तव ,गाफिल स्वामी , सुषमा भंडारी , ऋचा मिश्रा , अशोक खत्री , पूनम माटिया और रघुनाथ मिश्र जी ने अपने विचार रखे और सबने लगभग यही बात कही कि फेसबुक एक उपयोगी माध्यम साबित हो रहा है इस सन्दर्भ में | अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सुभाष जी ने कहा ‘फेसबुक तब अपनी बुलंदियों को पाता है जब उस से सरोकार जुड़े’ | अतुल जैन सुराना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया |
विचार गोष्ठी |
रात्रि भोज के बाद गीत संगीत की महफ़िल जमी जिसमे किशोर जी ने ढोलक की थाप पर भजन और गीत प्रस्तुत किये तथा मिमिक्री से सबका मन मोह लिया |नवीन शुक्ला जी ने अपने मीठी बांसुरी की तान से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया | पूनम तुशामड , संगीता शर्मा , सुषमा भंडारी सभी ने अपने-२ स्टाइल में गीत सुनाये | सुभाष चन्द्र , ऋचा मिश्रा और कई मित्रों ने गज़ल सुनाकर महफ़िल में समा बाँधा |गाफ़िल जी ने माँ को समर्पित अपनी रचना बड़े जोर शोर से सुनाई | ढोलक की थाप ,ढपली और मजीरे की झंकार के साथ एक लोक गीत पर पूनम माटिया यानि मैने नृत्य भी किया |
30 सितम्बर
कचोडी-आलू, जलेबी और पोहे के नाश्ते के साथ सबने किशोर श्रीवास्तव कृत “खरी-खरी” कार्टून प्रदर्शनी का भी लुत्फ़ उठाया | उस समय तक कई और फेसबुक मित्र भरतपुर पधार चुके थे जिनमे पुरुस्कृत अरविन्द ‘पथिक’, हेमलता वशिष्ठ, कृष्ण कान्त मधुर, पूनम त्यागी (दिल्ली)और अजय अज्ञात (फरीदाबाद) दिल्ली से प्रमुख हैं | प्रख्यात कवि सुरेश नीरव जी , प्रसिद्द गज़लकार साज़ देहलवी , डॉ रेखा व्यास (दिल्ली दूरदर्शन) , कवि रघुनाथ मिश्र (राजस्थान) इस आयोजन में शामिल हुए |
फतेहपुर सीकरी पर समूह तस्वीर |
सलीम चिश्ती की दरगाह |
‘अपना घर’ की ओर से आयोजित फतेहपुर सिकरी भ्रमण का लाभ 25-30 लोगो ने उठाया और तेज धूप के बावजूद सभी ने सलीम चिश्ती दरगाह और बुलंद दरवाजे का अवलोकन किया साथ ही खूब खरीदारी भी की |
नये मित्रों के साथ |
दरगाह की पौड़ी पर |
दोपहर के भोजन के उपरांत कवि सम्मलेन आयोजित किया गया जिसका सञ्चालन किशोर श्रीवास्तव और अरविन्द ‘पथिक’ ने किया |इस कवि सम्मलेन की अध्क्षता श्री सुरेश नीरव जी ने की और मंच पर उनका साथ दिया गज़लकार साज़ देहलवी जी, रघुनाथ मिश्र जी और डॉ रेखा व्यास जी तथा भारद्वाज जी और माँ माधुरी जी ने | इन महान विभूतियों के कर-कमलों द्वारा ‘हम साथ-साथ है’ पत्रिका द्वारा आयोजित मैत्री सम्मान श्री सुरेश नीरव जी को और श्रीमती पूनम माटिया को दिया गया | उसके उपरान्त विभिन्न कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिसको श्रोतायो ने बड़े मन लगाकर सुना और समय-२ तालियों से उनका हौसला वर्धन किया | इस दौरान सुषमा भंडारी जी का काव्य संग्रह ‘अक्सर ऐसा भी’ का विमोचन भी किया |
श्रेष्ठ जनों द्वारा पुरुस्कृत होते हुए मै |
श्री सुरेश' नीरव' जी ,श्री रघुनाथ मिश्र जी एवं हम साथ साथ हैं की संपादक श्रीमति शशि श्रीवास्तव |
कविता पाठ और ग़ज़ल गायकी का क्रम मुझसे यानि पूनम माटिया से आरंभ हुआ और उसके बाद संदीप सृजन , अतुल जय सुराना ,दीक्षित जी, अजय ‘अज्ञात’ ,पूनम तुशामद ,सुषमा भंडारी, संगीता शर्मा, ऋचा मिश्रा ,किशोर श्रीवास्तव , कृष्ण कान्त मधुर , ओम प्रकाश यति, गाफ़िल स्वामी, अशोक खत्री जी और अरविन्द ‘पथिक’ जी की जोश से भरी गायकी तक चला | अंत में रघुनाथ मिश्र जी और साज़ देहलवी जी , रेखा व्यास जी और श्री सुरेश ‘नीरव’ जी ने अपनी भावनात्मक गज़लों से सबका मन मोह लिया | किशोर श्रीवास्तव जी ने धन्यवाद ज्ञापन देकर इस आयोजन की समाप्ति की घोषणा की |
मुझसे फिर जल्दी आने की कहते हुए :) |
कार्यक्रम के अंत में ‘अपना घर’ के संस्थापक डॉ भारद्वाज दंपत्ति ने प्रतीक चिन्ह देकर आये हुए सभी मित्रों को सम्मानित किया |
विदा के पल ‘अपना घर’ के वासियों के लिए और हमारे लिए काफी भावुक थे उनकी निगाहें पूछ रही थी फिर कब मिलने आओगे ....
..........
सारे चिञ अच्छे है मै पूर्व मे देख चुका हू ,
ReplyDeleteराम लखन जी ....शुक्रिया .....जी यहाँ मैंने थोडा नजरिया बदला है .....आपने यहाँ आकर होसला अफजाई की ........आभार
Deleteदीदी काश में भी वहा होता
ReplyDeleteखैर ................
बहुत खूबसूरत चित्रों को सजाया है आपने
योगेश भाई जी .......शुक्रिया .......पिक्स तो बहुत थी ......पर कुछ ही लगाईं ........हाँ अगर आप आ पाते तो अच्छा लगता .दूर दूर से लोग आये थे .......
Deleteफेसबुक मैत्री सम्मलेन(29-30 सितम्बर 2012) ....और अपना घर पर एक बढ़िया रिपोर्ट.......Poonam
ReplyDeleteशुक्रिया नरेश ......आपके साथ के बिना ये सब संभव नहीं था :)
Deleteआदरणीय,मुझे सूचना नहीं थी बरना मैं अवश्य शामिल होता। मुझे लगता है इस आयोजन की पूर्व सूचना फेसबुक पर भी नहीं थी। खैर आयोजन बहुत अच्छा रहा ,आप सबको ढेर सारीं बधाइयाँ!!!!
ReplyDeleteराम भुवन सर ,आपका स्नेहाशीष सदैव बना रहे .........फेसबुक पर लगभग एक महीने तक इस प्रोग्राम की जानकारी थी ....और एक दो बार मैंने भी पोस्ट किया था .....परन्तु हो सकता है आपकी नज़र से न गुज़रा हो ....:)
Deleteआयोजन अच्छा रहा यह जानकर बहुत खुशी हुई।
ReplyDeleteसादर
शुक्रिया यशवंत जी
Deleteबहुत बढिया रिपोर्ट प्रस्तुत की।
ReplyDeleteवंदना जी शुक्रिया
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत भव्य एवं सफल आयोजन ...शुभ कामनाएं एवं आभार....
ReplyDeleteश्रीप्रकाश डिमरी जी बहुत बहुत शुक्रिया
Deletehe he..how can i type in hindi here?
ReplyDeletesorry i did something beyond compliments,..
it is good to see that the place i hav been there befor 2 months,, so its making more understanding about the "meeting" held by "hm sath sath hain" & "apna ghar"..
, by the experience , when i visite to tht pace- the condition of the monuments and historical buildings as i found were so bad,..
so i specially urged to Miss poonam and "hm saath saath hain"
to put some effectiv efforts about these conditions through writings and some other activities..
"EVEN I WANNA GET INVOLED IN THESE TYPE OF ACTIVITIES"
I m "READY TO ROCK"
welcm to the blog Gaurav.....yes Bharatpur is a small ,not mch developed place .....But Fatehpur Sikri is well maintained ,i think by the national archeological deptt .
Delete......there is a page by the name''हम साथ साथ हैं '' और एक पेज है ''अपना घर ''.....u can like them and be aware and involved in the related activities
kya bat hai bahut acha hai aise khusi or kaha milte hai
ReplyDeleteजी शुक्रिया .....अपना नाम भी लिखते तो बेहतर होता ...:)
DeleteKYA BAT HAI BAHUT ACHI PHOTO HAI OR BAHUT ACHA LIKHA HAI APNE
ReplyDeleteरविराज झाला जी आपके प्रोत्साहन की मै कायल हूँ ...जब मेरी एक पुस्तक भी नहीं छपी थी .तब से आपने मेरी लेखनी में अपना विश्वास दिखाया .....और अब तक अपना स्नेह बनाये रखा है
Deleteबहुत बधाई पूनम जी इस आयोजन और पुरस्कार के लिये.
ReplyDeleteरचना जी .......शुक्रिया ......आपने समय दिया और शुभकामनाएं भी :)
Deleteआपकी रोचक धाराप्रवाह रिपोर्ट पढकर बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
राकेश जी बहुत बहुत आभार ....प्रोत्साहन वर्धक प्रतिक्रिया के लिए और निमंत्रण के लिए
Deleteभव्य और सफल आयोजन के किये पूरी टीम को बधाई. जीवंत रिपोर्ट.
ReplyDeleteअरुण जी सु स्वागतम ,आपने समय निकाल कर पढ़ा और सराहा ...आभार
Deleteऐसे आयोजन होते रहें ...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
जी सतीश जी ..समाजिक सरोकार झलकता है ऐसे आयोजनों में
Delete...आभार ....