लम्बा कितना ही इंतज़ार हो .......समय की रफ़्तार कितनी भी तेज हो ......अकेलेपन की इन्तेहा हो ............तो भी आशा का दामन न छोड़ना ......उम्मीदें नहीं मरा करती .....
आँखें मुंदी हो ,रात काली स्याह हो
चाँद भी जा छिपा हो बादलों के पीछे
तारें मेरी आशाओं के हैं झिलमिलाते
रोशन है शमा फिर भी मेरे दिल की
अमिट है तेरी हलके पंखों सी छुअन
ठंडी हवा के झोंकों सी रहती है ताज़ा
जलाए रखती है मेरे साँसों की लौ ..............पूनम
The unending wait .....the passage of time ........the effects of lonelines ..............HOPE never dies ..
Eyes Might be closed ,Night might be dark
Moon might be hiding behind black clouds
But stars do twinkle enlightening my hopes
So is bightly lit the flame inside my heart
Light, fluffy feathers of ur unscrapable touch
still afresh in my memories ,like a breezefeeding the hungry flame of my beating heart ...................poonam
आँखें मुंदी हो ,रात काली स्याह हो
चाँद भी जा छिपा हो बादलों के पीछे
तारें मेरी आशाओं के हैं झिलमिलाते
रोशन है शमा फिर भी मेरे दिल की
अमिट है तेरी हलके पंखों सी छुअन
ठंडी हवा के झोंकों सी रहती है ताज़ा
जलाए रखती है मेरे साँसों की लौ ..............पूनम
The unending wait .....the passage of time ........the effects of lonelines ..............HOPE never dies ..
Eyes Might be closed ,Night might be dark
Moon might be hiding behind black clouds
But stars do twinkle enlightening my hopes
So is bightly lit the flame inside my heart
Light, fluffy feathers of ur unscrapable touch
still afresh in my memories ,like a breezefeeding the hungry flame of my beating heart ...................poonam
शुक्रिया दिनेश पारीक जी ...........
ReplyDeletesundar bhav
ReplyDeleteshukriya Aziz ji
Deleteसच कहा पूनम जी उमीदें मारा नहीं करती वर्ना जीने की आस ही समाप्त हो जाये.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.
जी रचना जी ...........आस है तो सांस है .........आप का सदैव स्वागत है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.....सुन्दर रचना एक बढ़िया सन्देश देती हुयी ...कि...चाहे जीवन में कुछ हो जाए....उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए....क्योकि स्याह रात के बाद ही सूरज की किरण आती है.....उजाला होता है....और सब साफ़ दिखाई देने लगता है.....
ReplyDeleteधन्यवाद नरेश .............सच कहा ........../. स्याह रात के बाद ही सूरज की किरण आती है.....उजाला होता है....और सब साफ़ दिखाई देने लगता है...... गर इन्सान हिम्मत और धैर्य रखते हुए अपने कर्म करता जाए तो कोई शक नहीं .........कि अँधेरा छट जाएगा और फिर ज्ञान और खुशियों का उजाला ही उजाला होगा .......
DeleteJust superb !!!
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