(तस्वीर के लिए मेरे दोस्त मंदीप कुमार का धन्यवाद .............)
फाल्गुन की रुत लायी फूलों की बहार
चहु ओर प्रकृति ने किया सोलह शृंगार
परीक्षाएं हो ख़त्म बच्चे लगा रहे गुहार
गुब्बारे-गुलाल ले करें होली का इंतज़ार|
बच्चों सा बड़ों में क्यूँ दिखे नहीं उत्साह
क्यूँ बाल-बालिकाओं में उठे नहीं अब चाह
रचाएं मिल कर कृष्ण-राधा सा अब रास
रंगों से भर दें फिर आज अपना आकाश|
कांजी-पकवानों की खुशबु से महके हवाएं
घूमे मस्त टोलियाँ रंगों की परते चढ़ाएं
नर-नारी सब मिलके गीत मिलन के गायें
ढोल की थाप पे झूम-२ ठुमके लगायें|
मनाते थे मिलके कभी ये रंगीला त्योहार
पर नहीं है सुरक्षित अब भारत की नार
पर नहीं है सुरक्षित अब भारत की नार
जिससे बची नहीं मिठास अब इस त्योहार
करना ही होगा कुछ परिवर्तन इस बार|
हर नारी हो सुरक्षित ऐसा हो पुरुष-व्यवहार
जगे फिर विश्वास, बहे बदलाव की गंग-धार
फिर से बहने लगे सुगन्धित प्रेम की बयार
आओ ऐसे मनाये इस बार होली का त्योहार................पूनम
बच्चों सा बड़ों में क्यूँ दिखे नहीं उत्साह
ReplyDeleteक्यूँ बाल-बलिकायो में उठे नहीं अब चाह
रचाएं मिल कर राधा-कृष्ण सा अब रास
रंगों से भर दें फिर आज अपना आकाश|..
सुन्दर छंद .... होली ओर कान्हा का रास ...
अच्छी रचना है ...
दिगम्बर जी .....सराहना हेतु आभार ....
Deleteबहुत सराहनीय प्रस्तुति.बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !
ReplyDeleteले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है.
मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है
चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है
मदन जी .....सच कहा के अब छोड़ों न की होली है :)
Deleteधन्यवाद
खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअंजू जी धन्यवाद
Deleteपूनम माटिया जी होली की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteनोट: कृपया इस कविता की प्रूफ रीडिंग कर लीजियेगा.
सुमित शुक्रिया ......मैंने पढ़ लिया है तुम एक बार फिर देख लो .....:)
Deletegood didu
ReplyDeleteगुलशन ........धन्यवाद तुम्हे भी मुबारक होली का त्यौहार
Deletegood didu
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteहोली का पर्व आपको सपरिवार शुभ और मंगलमय हो!
सादर
यशवंत जी धन्यवाद ........
Deleteबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति,होली की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteधन्यवाद राजेंद्र जी ..........आपको भी बधाई
Deleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें.......
ReplyDeleteशुक्रिया परवीन भाई सा .......
Deleteबहुत सुन्दर...आपको भी सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteधन्यवाद कैलाश जी
DeleteHOLI KA SADAR NAMAN
ReplyDeleteप्रवीण जी खुश रहे सपरिवार
Deletebahut sunder avhivyakti...bachhon ki holi se lekar aaj ki naari ki suraksha ki purush samaaj se pukaar... sabhi ko sanjoya hai...aapne
ReplyDeleteअमूल्य स्वागत एवं धन्यवाद ......... हाँ सब बातों का समावेश होना जरूरी है :)
DeleteBeautiful !!!!!
ReplyDeleteD.K. ji thnx
Deleteहर नारी हो सुरक्षित ऐसा हो पुरुष-व्यवहार
ReplyDeleteजगे फिर विश्वास, बहे बदलाव की गंग-धार
फिर से बहने लगे सुगन्धित प्रेम की बयार
आओ ऐसे मनाये इस बार होली का त्योहार.........bahut sundar panktiya Poonam ji. share karne ke liye abhar.
shukriya Arvind .......sdaiv swagat
Deleteबहुत ही अच्छी कविता लिखी है
ReplyDelete.....आपने काबिलेतारीफ बेहतरीन ,होली की हार्दिक शुभकामनायें.
संजय भास्कर जी ,धन्यवाद
Deleteआपको भी होली की धोक (ऐसा कहते हैं राजस्थान में ) :)
बहुत ही अच्छी कविता लिखी है
ReplyDeleteधन्यवाद .........आपका नाम भी होता तो अच्छा रहता
Deleteसुन्दर-आकर्शक-मनोहारी प्रस्तुति के लिये साधुवद और शुभोज्ज्वल भविश्य की हार्दिक मब्गल कामनायेँ.
ReplyDelete- डा. रघुनाथ मिश्र
अधिवक्ता/ साहित्यकार्
रघुनाथ जी नमस्कार .........आपके आगमन से मन प्रसन्न हुआ और शब्दों से भी ......धन्यवाद .....शुभम
Deleteहोली के अवसर पर सार्थक सन्देश...
ReplyDeleteहर नारी हो सुरक्षित ऐसा हो पुरुष-व्यवहार
जगे फिर विश्वास, बहे बदलाव की गंग-धार
फिर से बहने लगे सुगन्धित प्रेम की बयार
आओ ऐसे मनाये इस बार होली का त्योहार
बधाई.
धन्यवाद जेन्नी ....
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