तमन्नाये कहें या ख्वाइशें मेरी अभी हैं बाकी ||
गेसुओं की छाँव में उम्र बिताना अभी है बाकी||
छोड़ दे जिद्द बस आजा एक बार सिर्फ मेरे लिए|
एक उम्र से तरसा हूँ तिश्नगी बहुत अभी हैं बाकी||
कशिश तेरी खींच लाती है मुझे बज़्म में तेरी |
दीदार-ए-यार की तड़प दीवानगी अभी है बाकी||
हैरत है के जिन्दा हूँ तन्हाइयों ,खामोशियों में भी|
कुछ तुझे सुनना,कुछ तुझे सुनाना अभी है बाकी ||
अब के आना 'पूनम' तो रूठ जाना बेशक |
के तेरा रूठना ,मेरा मनाना अभी है बाकी ||......................poonam
हैरत है के जिन्दा हूँ तन्हाइयों ,खामोशियों में भी|
ReplyDeleteकुछ तुझे सुनना,कुछ तुझे सुनाना अभी है बाकी ||
अब के आना 'पूनम' तो रूठ जाना बेशक |
के तेरा रूठना ,मेरा मनाना अभी है बाकी ||......wah...wah..bahut badhiya gazal...ek badhiya gana is par....kuchh shikwe bhi ho kuchh shikayat bhi ho to mazaa jeene ka aur bhi jyada hain.....
thnx a lot Naresh for admiration .appreciation and support
Deleteकल 11/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
शुक्रिया यशवंत जी ...........अधिक मित्र पढ़ पायें तो रचना सार्थक हो जाती है
Deleteबेहद खूबसूरत प्रस्तुति, दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं....
ReplyDeleteअनंत अरुण जी बहुत आभारी हूँ आपने पढ़ा और प्रतिक्रिया दी
Deleteखुशियों का आगमन हो ........दुखों का हो गमन
ऐसा हो दीपावली का इस वर्ष आपके घर आचमन .................पूनम
Hairat hai ki zinda hai tanhaaiyan
ReplyDeletekuch tujhe sunana, kuch tujhe sunana hai baaki...
Waah! Waah! Waah!!! behtareen:-)
hi
Deletemen aap ki tarah kavi nahin hoon.magar apney khayalaat ka izhaar tootey phutey alfaaz men kardeta hoon.
thanks
प्रकाश जी .....शुक्रिया .......:)
Deleteदो लफ्ज़ तारीफ के विश्वास पुख्ता कर जाते हैं
खुशियों का आगमन हो ........दुखों का हो गमन
ऐसा हो दीपावली का इस वर्ष आपके घर आचमन .................पूनम
Idrees ji .....kavita /shayri padhne ke liye kavi hona zaroori nahi
Deletebas ek jazbaati dil chahiye jo rachnaon ke bhaav grahan kar sake
aur aap to bakhoobi lutf uthaate hain meri lekhni ka :) dhnywaad
poonam ji,this is one of d supub best kya tareef me likhun aaj pehli bar mujhe sabdon ki kami ka ehsas ho raha hai bhavnao ko samajhne ka pryash kijeyega....bahut sunder bahut sunder.....apki agli rachna ka intejar rahega..
ReplyDeleteअतुल भाव शब्दों के गुलाम नहीं ......:) आपके भाव स्वत: ही मुझतक पहुँच रहे हैं .......आभार रचना को पसंद करने हेतु
Deleteअब के आना ♥पूनम♥ तो रूठ जाना बेशक
के तेरा रूठना , मेरा मनाना अभी है बाकी
:)
कशिश तेरी खींच लाती है मुझे बज़्म में तेरी
दीदार-ए-यार की तड़प दीवानगी अभी है बाकी
पूनम जी ! पूनम जी !
लगता है जैसे नज़्म मेरी है ... मेरी ओर से लिखी गई है ... !
बहुत खूबसूरत !
( अचानक आंख खुल गई थी ...
आपकी एक दो और रचनाएं भी अभी पढ़ी ...
... और फेसबुक पर आपकी तस्वीरें देखी ... )
इधर तेज सर्दी है , अब वापस बिस्तर की शरण में
:)
आपके लिए
शुभ प्रभात की मंगल कामनाओं सहित…
हा हा हा .क्या बात है राजेंद्र जी .....आपकी नजर-ए-इनायत हुई ......और क्या चाहिए ...........धन्यवाद
Deleteसर्दी दिल्ली में भी बहुत है ........
Hay I
ReplyDelete