राजेंद्र जी आप के शब्द और आपका स्वर सुनने के बाद मुझे अपनी रचनाये प्राथमिक स्तर पर नज़र आती हैं ./उस पर भी आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया पढके दिल बाग़ बाग़ हो जाता है स्नेह बनाये रखियेगा ......और हाँ अगली बार रंगों और फौंट का चुनाव करते समय ध्यान रखूंगी
पूनम जी न केवल एक उत्क्रिश्त स्रिजनधर्मी हैँ, वरन बहु आयामी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व की धनी -समाजसेवी और अनेक सन्दर्भोँ मेँ सामाजिक सरोकारोँ से लवरेज मिलती हैँ. प्रेरक कार्योँ-व्यवहारोँ के अनेक कीर्तिमानोँ से सज्जित पूनम को हार्दिक बधाई व उनके अनवरत आगे- आगे सकारत्मक दिशा मेँ बढते रहने की मंगल शुभ कामनायेँ. डा. रघुनाथ मिश्र्
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
शुक्रिया यशवंत जी
Deletebehad khoobsurat
ReplyDeleteखुला मंच ............धन्यवाद
Deleteनूतन जी स्वागत है आपका ........
ReplyDeleteएक आग-सी जलती है दिलों में...
बुझती नहीं प्यास किसी के बुझाने से...
ओऽऽह !
बहुत गंभीर स्थिति होती है यह तो
पूनम जी !
:)
बहुत ख़ूब !
# ... लेकिन पढ़ने में कुछ दुविधा हो रही है ,
इस बार गहरे रंग के बैकग्राउंड में हल्के कलर के अक्षर बड़े फोंट में करके देखिएगा ...
:))
राजेंद्र जी आप के शब्द और आपका स्वर सुनने के बाद मुझे अपनी रचनाये प्राथमिक स्तर पर नज़र आती हैं ./उस पर भी आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया पढके दिल बाग़ बाग़ हो जाता है स्नेह बनाये रखियेगा ......और हाँ अगली बार रंगों और फौंट का चुनाव करते समय ध्यान रखूंगी
Deleteपूनम जी न केवल एक उत्क्रिश्त स्रिजनधर्मी हैँ, वरन बहु आयामी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व की धनी -समाजसेवी और अनेक सन्दर्भोँ मेँ सामाजिक सरोकारोँ से लवरेज मिलती हैँ. प्रेरक कार्योँ-व्यवहारोँ के अनेक कीर्तिमानोँ से सज्जित पूनम को हार्दिक बधाई व उनके अनवरत आगे- आगे सकारत्मक दिशा मेँ बढते रहने की मंगल शुभ कामनायेँ.
ReplyDeleteडा. रघुनाथ मिश्र्