मेरे पहले काव्य -संग्रह
स्वप्न श्रृंगार(शृंगार) से .........और मेरे दिल के बहुत नज़दीक .......
शायद सच .........
बेचैन मैं सुकूं तलाशती रही गली कूंचे में
ए खुदा तूने भी क्या कायनात बनाई है
मुझसे मेरी ही 'शक्सियत' मिल न पायी है
इंतज़ार में जिसके मैं बैठी रही सजदे में
वो कमज़र्फ न जाने छुपी है कितने पर्दों में................पूनम
स्वप्न श्रृंगार(शृंगार) से .........और मेरे दिल के बहुत नज़दीक .......
शायद सच .........
बेचैन मैं सुकूं तलाशती रही गली कूंचे में
ए खुदा तूने भी क्या कायनात बनाई है
मुझसे मेरी ही 'शक्सियत' मिल न पायी है
इंतज़ार में जिसके मैं बैठी रही सजदे में
वो कमज़र्फ न जाने छुपी है कितने पर्दों में................पूनम
◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤
♥ लोहड़ी की बहुत बहुत बधाई और हार्दिक मंगलकामनाएं ! ♥
साथ ही
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं !
राजेन्द्र स्वर्णकार
◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤
धन्यवाद राजेंद्र जी
DeleteHappy LOhri,Sakranti and Pongal to all frnds ...................
लोहड़ी ,सक्रांति ,पोंगल ये पर्व आयें हर वर्ष
संग अपने लाते हैं हर्ष ,उल्लास और उत्कर्ष ........पूनम
कोमल भावों से सजी ..
ReplyDelete..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती