वजूद इंसानियत का रहे कायम
वक्त का दरिया ले जाये कहीं भी .......पूनम
मिथ्या है या सच
पर सुना है मैंने यही कथन
चली जाती है आत्मा
कुछ पल करने को विचरण
रात्रि के किसी पहर में
जब गहरी निंद्रा में होता तन
जब आत्मा करती
शरीर का फिर से वरण
जागते है हम तभी और
तब होता है नवजीवन
शुष्क, सख्त बीज को मिलता
जब अनुकूल वातावरण
होता है वो तब अंकुरित
तब होता है नवजीवन
फूल खिल के मुरझा जाता
और दे जाता एक दुस्वपन
पर जैसे दिखे नयी कली
तब होता है नवजीवन
अथाह पीड़ा सहती नारी
आँखों में है सुन्दर स्वप्न
जब जनती माँ शिशु को
तब होता है नवजीवन
माँ बाप के आँचल से निकल
बेटी रखती बाहर कदम
पर जब वापिस आये सुरक्षित
तब होता है नवजीवन
मात-पिता की बिटिया प्यारी
सजाती उनका घर आँगन
पर जब बेटी जाती दूजे घर
तब होता है नवजीवन
वृद्धावस्था है एक चुनौती
जानता है यह हर जन
पर बच्चे जब बनते लाठी
तब होता है नवजीवन
पल-पल बदलती इस दुनिया में
भावनाएं बदलती हैं हर क्षण
जन्म लेती है नयी संभावनाएं
तब होता है नवजीवन
पुलकित मन और ऊर्जित तन से
नव वर्ष का हो आगमन
प्रतिपल होते नवजीवन को
आओ करे हम सब नमन.......................................पूनम
दिल में दुःख सभी के है ....परन्तु आशा और विश्वास का दामन नहीं छोड़ना चाहिए ......पटाखे ,पार्टियां नहीं पर नया करने का जज्बा नहीं त्यागना चाहिए ....................इंसानियत रहे जिन्दा सबमे .......इसी आशा के साथ नव वर्ष का स्वागत हमें करना चाहिए .....नकारात्मकता किसी समस्या का हल नहीं होता कभी भी ............'दामिनी' और उस जैसी पीड़ित ,आहत किन्तु ज्वाला से भरपूर सभी लड़कियों को हम नहीं भूलेंगे ......एक ज्वाला .एक लौ जैसे जलते रहना है ताकि बदलाव आये ..........
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteदिनांक 3/1/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
@यशवंत जी बहुत बहुत शुक्रिया
Delete♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
पुलकित मन और ऊर्जित तन से
नव वर्ष का हो आगमन
प्रतिपल होते नवजीवन को
आओ करे हम सब नमन
तथास्तु !
आदरणीया पूनम जी
बहुत सही लिखा आपने ...
पल-पल बदलती इस दुनिया में
भावनाएं बदलती हैं हर क्षण
जन्म लेती है नयी संभावनाएं
तब होता है नवजीवन
परिवर्तन के साथ चलता रहे जीवन !
नवजीवन !!
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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राजेंद्र जी सटीक कहा आपने //परिवर्तन के साथ चलता रहे जीवन !
Deleteनवजीवन !!/ आपको भी नव वर्ष की असीम शुभकामनाएं
श्स्वरम वाकई अद्भुत है
बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteनब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामना.
मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.
शुक्रिया मदन मोहन जी ...उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया और शुभकामनाओं हेतु
Deleteआपको भी नव वर्ष की असीम शुभकामनाएं
सुन्दर भाव...:) नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं ..:)
ReplyDeleteधन्यवाद सरस जी .....आपको भी नव वर्ष की असीम शुभकामनाएं
Deleteबहुत सुन्दर..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteशुक्रिया कैलाश जी .स्वागत है आपका
Deleteआपको भी नव वर्ष की असीम शुभकामनाएं
यथार्थमय सुन्दर पोस्ट
ReplyDeleteकविता के साथ चित्र भी बहुत सुन्दर लगाया है.
धन्यवाद अहर्निश
Deleteकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
ReplyDeleteजरूर संजय .......... निमंत्रण के लिए आभार
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