इस सफर में चलते-चलते मिलेंगे बहुत
प्यार से लगेंगे गले या काट सकते हैं गला भी
बात बनती है जब उठे हस्त आशीष के लिए
या फिर किसी असहाय की मदद के लिए
हाथ हाथ को थाम ले बढे मंजिल की ओर
कहानी ऐसी लिखे इस जिंदगानी के पथ पर
जो सागर से हो गहरी और ऊँची आसमा से
जीत लिखो या हार लिखो ,बस मेरे दोस्त
इक अंजुली-भर निस्वार्थ प्यार लिखो ........पूनम (SS)
बहुत ही खूबसूरत रचना... एक निर्मल.. पावन सन्देश...
ReplyDeleteजीत लिखो या हार लिखो ,बस मेरे दोस्त
इक अंजुली-भर निस्वार्थ प्यार लिखो....
बहुत उम्दा.. ईश्वर करे... आपकी लेखनी सदैव यूँ ही प्यार बिखेरती रहे...
राहुल ......शुभकामनाओं के लिए आभार
Deleteaap bahut achcha likhti hen men fan bun gaya hoon
Deletebahut bahut abhaar Sayed ji .......mere alfaaz aapke dil tak pahunche ....yahi bahut hai mere liye
Deletewah ek anjuli bhar nishwarth pyar ki kamna. hmmmm nishwarth pyar thoda mushkil lagta hai but namumkin nahi...........
ReplyDeleteAtul sahi kaha mushkil hai namumkin nahi .....shukriya
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ReplyDeletegam
ReplyDeleteआपकी कलम ने सुन्दर रचना प्रसवित की है
ReplyDeleteसाधुवाद
मेरे बागीचे में भी
ReplyDeleteकुछ पुष्प हैं
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कृपया समय संयोजित करें
सादर